tag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post6442917519197404266..comments2023-10-31T16:09:04.431+05:30Comments on Firdaus Diary: मुहब्बत से महकते ख़त...फ़िरदौस ख़ानhttp://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-26144295960729682402012-02-22T20:32:58.303+05:302012-02-22T20:32:58.303+05:30BAHUT HI SUNDAR RACHNABAHUT HI SUNDAR RACHNAdr.mahendraghttps://www.blogger.com/profile/07060472799281847141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-2126724304515488372012-01-19T13:11:36.832+05:302012-01-19T13:11:36.832+05:30"मेरी रूह भी प्यासी है
बिल्कुल मेरी तरह
और ये..."मेरी रूह भी प्यासी है<br />बिल्कुल मेरी तरह<br />और ये प्यास<br />दिनों या बरसों की नहीं<br />बल्कि सदियों की है"<br /><br />बहुत संजीदा और गहरे भावों से ओतप्रोत नज्म है! बधाई और शुभकामनाएँ!<br /><br />डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'<br />संपादक-प्रेसपालिकाडॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणाhttps://www.blogger.com/profile/15100263987556468191noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-52783854320391995442012-01-03T17:42:03.249+05:302012-01-03T17:42:03.249+05:30बहुत खूब .इसीलिए मियाँ ग़ालिब कह गए -चंद तस्वीरें ब...बहुत खूब .इसीलिए मियाँ ग़ालिब कह गए -चंद तस्वीरें बुताँ,चंद हसीनों के खुतूत ,बाद मरने के मेरे घर से यही सामाँ निकला .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-2475476674762349092011-12-28T17:09:54.005+05:302011-12-28T17:09:54.005+05:30उम्दा..उम्दा..दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-27608588682921829722011-09-30T15:12:38.517+05:302011-09-30T15:12:38.517+05:30bahut acchha apse bhi lekin apke bichar bahut umda...bahut acchha apse bhi lekin apke bichar bahut umda hai.सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-7479615322440639772011-09-29T10:58:15.558+05:302011-09-29T10:58:15.558+05:30बहुत सुन्दर भावो को संजोया है।बहुत सुन्दर भावो को संजोया है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-19055122717753755832011-09-29T10:56:27.293+05:302011-09-29T10:56:27.293+05:30मोहतरम एस साहब
हमेशा आपके मेल मिलते रहते हैं...लेक...मोहतरम एस साहब<br />हमेशा आपके मेल मिलते रहते हैं...लेकिन मसरूफ़ियत की वजह से कई बार हम जवाब नहीं दे पाते...उसके लिए आपसे मुआफ़ी मांग ही चुके हैं...<br />सच! हमारी नज़्मों से ज़्यादा आपके मेल दिलकश होते हैं...<br />चूंकि यह तहरीर ख़त से ही वाबस्ता है...इसलिए आपका मेल कमेंट में पोस्ट कर रहे हैं...<br /><br /><br /><br />आपके <br />"हर लफ्ज़<br />अया होता है<br />उम्मीद की सुन्हरी किरनों से..."<br /><br />"चलती रहती हूँ<br />उम्र की उस रह्गुज़र पर<br />जो हालात की तारीकियों से दूर<br />बहुत दूर जाती है..."<br /><br />बहुत खूब फ़िरदौस...<br />तुमसे दो-चार बातें कर गर कोई इस फैसले पर <br />आ जाए कि तुम्हें जान लिया, तो वो सही न होगा... <br />सागर सी गहराई है तुम में...<br />और इस सागर ने मुझे इजाज़त दी है<br />अपने फैले उज्ले-दमकते किनारे बैठने की...<br /><br />तुम्हारा लिखा, पढ़ना अच्छा लगता है ओर उससे<br />भी अच्छा लगे तुमसे जुड़े रहना...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.com