tag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post3825802802343943790..comments2023-10-31T16:09:04.431+05:30Comments on Firdaus Diary: हम बहुत शर्मिन्दा हैं...फ़िरदौस ख़ानhttp://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-84563107691202067122014-05-05T16:34:55.410+05:302014-05-05T16:34:55.410+05:30पास देस में छुरी धर जपत राम का नाम ।
जमुना गए जम...<br />पास देस में छुरी धर जपत राम का नाम । <br />जमुना गए जमुना दास, गंगा गंगा राम ।१४८७। <br /><br />भावार्थ : -- पार्श्व देश में छुरी रखे हैं राम नाम क जाप किए जमुना आए जमुना दा गन्गा आए 'गंगाराम' ॥ <br /><br />सुभ अरु असुभ सलिल सब बहई । सुरसरि कोउ अपुनीत न कहई ॥ <br />समर्थ कहुँ नहिं दोषु गोसाईं । रबि पावक सुरसरि की नाईं ॥<br /> ----- ॥ गोस्वामी तुलसी दास ॥ ----- <br />अर्थात : -- गंगा जी के जल में शुभ अशुभ सभी कुछ बहता है । खल-भल सभी जन इसका नाम लेते हैं भलजन आदर के साथ, खलजन अनादर के साथ । रवि, अग्नि, और गंगा जी की भांति समर्थ का कुछ दोष नहीं होता ॥ Neetu Singhalhttps://www.blogger.com/profile/14843330374912315760noreply@blogger.com