tag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post8223300963620706372..comments2023-10-31T16:09:04.431+05:30Comments on Firdaus Diary: तू मेरे गोकुल का कान्हा...फ़िरदौस ख़ानhttp://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-84597579803751210892010-03-11T10:19:01.410+05:302010-03-11T10:19:01.410+05:30Bahut Sundar Prastutikaran Hai, Firdaus Ji !!Bahut Sundar Prastutikaran Hai, Firdaus Ji !!अतुल मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/06972411280814820351noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-51985731226795685162010-03-02T20:35:22.062+05:302010-03-02T20:35:22.062+05:30कमाल है फिरदौस जी !
मैं पहली बार आपका छंद युक्त ...कमाल है फिरदौस जी !<br /><br />मैं पहली बार आपका छंद युक्त गीत पढ़ रहा हूँ , आनंद आगया , गज़ब की रचना के लिए मुबारकबाद स्वीकार करें ! लगता है बेहतरीन मूड में लिखी गयी है !<br /><br />जितनी हो तारीफ तुम्हारी,<br />कम है , इन गीतों को पढ़कर<br />लगता है रिमझिम रिमझिम,<br />सी गीतों की बरसात हो गयी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-6875724025689822952010-03-02T17:50:17.745+05:302010-03-02T17:50:17.745+05:30तुमसे तन-मन मिले प्राण प्रिय! सदा सुहागिन रात हो ग...तुमसे तन-मन मिले प्राण प्रिय! सदा सुहागिन रात हो गई<br />होंठ हिले तक नहीं लगा ज्यों जनम-जनम की बात हो गई <br /><br />राधा कुंज भवन में जैसे <br />सीता खड़ी हुई उपवन में <br />खड़ी हुई थी सदियों से मैं <br />थाल सजाकर मन-आंगन में <br />जाने कितनी सुबहें आईं, शाम हुई फिर रात हो गई <br />होंठ हिले तक नहीं, लगा ज्यों जनम-जनम की बात हो गई <br /><br />तड़प रही थी मन की मीरा <br />महा मिलन के जल की प्यासी<br />प्रीतम तुम ही मेरे काबा<br />मेरी मथुरा, मेरी काशी <br />छुआ तुम्हारा हाथ, हथेली कल्प वृक्ष का पात हो गई <br />होंठ हिले तक नहीं, लगा ज्यों जनम-जनम की बात हो गई<br /><br />रोम-रोम में होंठ तुम्हारे <br />टांक गए अनबूझ कहानी <br />तू मेरे गोकुल का कान्हा <br />मैं हूं तेरी राधा रानी<br />देह हुई वृंदावन, मन में सपनों की बरसात हो गई <br />होंठ हिले तक नहीं, लगा ज्यों जनम-जनम की बात हो गई<br /><br />सोने जैसे दिवस हो गए<br />लगती हैं चांदी-सी रातें <br />सपने सूरज जैसे चमके <br />चन्दन वन-सी महकी रातें <br />मरना अब आसान, ज़िन्दगी प्यारी-सी सौगात ही गई <br />होंठ हिले तक नहीं, लगा ज्यों जनम-जनम की बात हो गई...<br /><br />एक-एक लफ़्ज़ में डूब जाना चाहता है यह दिल....... <br /> आप वाक़ई लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी हैं.......फ़िरदौस साहिबा, कोई जवाब नहीं आपका.......मौसमhttps://www.blogger.com/profile/13303920834566218702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-60326494533474014382010-03-02T16:41:47.000+05:302010-03-02T16:41:47.000+05:30मोहतरमा फ़िरदौस साहिबा, आदाब
....थाल सजाकर मन आंगन...मोहतरमा फ़िरदौस साहिबा, आदाब<br /><br />....थाल सजाकर मन आंगन में......<br />तड़प रही थी मन की मीरा....महामिलन के जल की प्यासी<br />देह हुई वृंदावन........<br />....सोने जैसे दिवस हो गये...लगती हैं.....लगती हैं चांदी सी रातें...<br /><br />खूबसूरत अलफ़ाज़....नायाब रचना.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-28629568232160488702010-03-02T14:24:01.664+05:302010-03-02T14:24:01.664+05:30हर रंग को आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में पिरोया ...हर रंग को आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्तुति ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-42750599663287282992010-03-02T12:41:40.719+05:302010-03-02T12:41:40.719+05:30firdauss ji
is rachna ke liye to shabd bhi kam ha...firdauss ji<br /><br />is rachna ke liye to shabd bhi kam hain...........seedhe antarman mein utar gayi hai.........ek ek shabd aur ek ek pankti bemisaal hai..........gazab ki prastuti.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5390039473087582154.post-40773798558440466962010-03-02T11:40:27.376+05:302010-03-02T11:40:27.376+05:30बेमिशाल - "तू मेरे गोकुल का कान्हा" और आ...बेमिशाल - "तू मेरे गोकुल का कान्हा" और आपकी लेखनी को शत शत सलामAnonymousnoreply@blogger.com