चमकते ख़्वाब...


जब
ज़िन्दगी 
किसी ख़ामोश लम्हे की तरह
चुपके से
मेरे सिरहाने 
आकर खड़ी हो जाती है
तो
मैं सोना चाहती हूं
अपनी पलकों की छांव में 
किसी उजले दिन की तरह
चमकते ख़्वाबों को लिए हुए...
-फ़िरदौस ख़ान
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3 Response to " चमकते ख़्वाब..."

  1. Yashwant R. B. Mathur says:
    8 मई 2014 को 10:12 am बजे

    कल 09/05/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

  2. सुशील कुमार जोशी says:
    9 मई 2014 को 3:22 pm बजे

    वाह !

  3. कौशल लाल says:
    9 मई 2014 को 4:53 pm बजे

    बहुत सुन्दर....

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